आँसू

आँसू

ना आसूंओं से छलकते हैं ना कागज पर उतरते हैं,दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो बस भीतर ही भीतर पलते है…
निकल आते है

निकल आते है

निकल आते है आँसू गर जरा सी चूक हो जाये… किसी आँख में काजल लगाना खेल थोड़ी है…!!

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