मैं जब भी

मैं जब भी

मैं जब भी चाहूँ तुमको पुकार लेता हूँ।अपने लफ़्ज़ों में तुमको उतार लेता हूँ।मैं जानता हूँ तुम कभी न आओगे मगर-तेरी यादों को दिल में सँवार लेता...
सुबह आपकी याद

सुबह आपकी याद

सुबह-सुबह आपकी यादों का साथ हो,मीठी-मीठी परिंदों की आवाज़ हो,आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट हो,और हमारी ज़िन्दगी में सिर्फ आपका साथ...
उदास आपको देखने से

उदास आपको देखने से

उदास आपको देखने से पहले ये आँखे न रहें, खफा हो आप हमसे तो ये हमारी साँसें न रहें, अगर भूले से भी ग़म दिए हमने आपको, आपकी जिंदगी में हम क्या हमारी यादें भी न...
चले आओ

चले आओ

चले आओ मेरी कलम की स्याही बनकर,तुम्हें अपनी जिन्दगी के हर पन्ने में उतार दूं….✍️ 😀

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