तेरी अमानत है ये रूह मेरी,
न यकीं हो तो इम्तहान ले ले…
ये फैसला भी तुझ पे है अब,
बख्श दे या फिर जान ले ले…
by ShayariArt | Aug 17, 2018 | Love Shayari | 0 comments
तेरी अमानत है ये रूह मेरी,
न यकीं हो तो इम्तहान ले ले…
ये फैसला भी तुझ पे है अब,
बख्श दे या फिर जान ले ले…