Duniya Shayari In Hindi – दुनिया पर हिंदी शायरी
दोस्तो दुनिया शब्द पर पढें ये बेहतरीन दुनिया शायरी और अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करें
कभी दुनिया हो कभी तुम कभी तकदीर खिलाफ़
रोज़ एक ताज़ा सितम हो तो गज़ल होती है
ऐ दिल तू क्यों रोता है,
ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता हैं.
निगाहों में तेरे जलवों की कसरत ले के आया हूँ
ये आलम है के इक दुनिया-ए-हैरत ले के आया हूँ
जब से देखी हैं हमने दुनिया करीब से,
लगने लगे हैं सारे रिश्ते अजीब से.
फिर इस दुनिया से उम्मीद-ए-वफा हैं,
तुझे ऐ जिन्दगी क्या हो गया हैं.
दुनिया पे ऐसा वक़्त पड़ेगा कि एक दिन,
इंसान की तलाश में इंसान जाएगा।
दुनिया में मुझे तूने गर अपना बनाया है
महशर में भी कह देना यह है मेरा दीवाना।
बेहतर तो है यही के ना दुनिया से दिल लगे,
पर क्या करें जो काम ना बेदिल्लगी चले !!
बेवफ़ाई के गिले जिन के हुए थे कल तक,
आज दुनिया के वफ़ादार बने बैठे हैं !!
तूफ़ान में ताश का घर नही बनता,
रोने से बिगड़ा मुकद्दर नहीं बनता,
दुनिया को जीतने का हौसला रखो
एक हार से कोई फ़कीर और
एक जीत से कोई सिकन्दर नही बनता.
दर्द-ए-दुनिया की तड़प दिल में मेरे रहने दे
तू तो आँखों में भी रह सकती है तेरा क्या है
दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ,
बाजार से गुजरा हूँ खरीदार नहीं हूँ.
मगर ये बात दुनिया की समझ में क्यों नहीं आती
अगर गुल ही नहीं होंगे तो फिर गुलदान होगा क्या
इंसानों की इस दुनिया में,
बस यहीं तो इक रोना हैं,
दिल अपने हो तो ही दिल हैं,
दूजों के हो तो खिलौना हैं!!!
या रब हमे तो ख़्वाब में भी मत दिखाइयो,
ये महशर-ए-ख्याल कि दुनिया कहें जिसे।
इश्क़ ने रोज़-ए-अज़ल ही कर दिया था फ़ैसला,
फिर कहाँ दुनिया के कहने से सुधर जाएँगे हम !!
दुनिया तो खैर छोड़ के आगे निकल गई,
तुम ने भी इंतज़ार हमारा नहीं किया !!
इस दुनिया में दोस्त कम मिलेंगे,
इस दुनिया में गम ही गम मिलेंगे,
जहाँ दुनिया नजर फेर लेगी
उसी मोड़ पर तुम्हें हम मिलेंगे.
सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई,
दुनिया की वही रौनक दिल की वही तन्हाई.
ऐसे भी मोहब्बत की सज़ा देती हैं दुनिया,
मर जाएँ तो जीने की दुआ देती हैं दुनिया.
प्यार वो नहीं जो दुनिया को दिखाया जाए,
बल्कि वो हैं जो दिल से निभाया जाए.
सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई
दुनिया की वही रौनक दिल की वही तन्हाई –
तेरे लिए दुनिया छोड़ दी हैं,
तुझपे ही साँस आके रुके,
मैं तुझको कितना चाहता हूँ
ये तू कभी सोच ना सके.
एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़
मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है
आबाद है यह ख़ाना-ए-दिल इक ख़याल से
दुनिया के हादसे इसे वीराँ न कर सके
दुनिया का उसूल हैं, जब तक काम है,
तब तक नाम हैं वरना दूर से ही सलाम हैं.
खामोश क़हक़हों में भी गम देखते रहे,
दुनिया न देख पाई जो हम देखते रहे।
दुनिया से निराली है “नज़ीर” अपनी कहानी
अँगारों से बच निकला हूँ फूलों से जला हूँ
पत्थर की दुनिया ज़ज्बात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती,
तन्हा तो चाँद भी है सितारों के बीच
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती.
जाते जाते दुनिया से ये काम कर गये,
हम मरते मरते ये दिल आपके नाम कर गये.
ये दुनिया बड़ी मदारी हैं,
रोज नये करतब सिखाती हैं.
पहले से मरासिम ना सही फिर भी कभी तो
रस्म-ओ-रह-ए-दुनिया ही निभाने के लिये आ
दुनिया का कोई हादसा ख़ाली नहीं मुझ से
मैं खाक़ हूँ मैं आग़ हूँ पानी हूँ हवा हूँ
आग दुनिया की लगाई हुई बुझ जाएगी
कोई आँसू मिरे दामन पे बिखर जाने दे
खुशनसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं
जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं.
जालिम दुनिया में जरा संभल कर रहना मेरे यार,
यहाँ पलकों पे बिठाया जाता हैं नजरों से गिराने के लिए.
दुनिया का बोझ जरा दिल से उतार दे,
छोटी सी जिन्दगी हैं हंस के गुजार दे.
साँथ चलना है तो फिर छोड़ दे सारी दुनिया
चल न पाए तो मुझे लौट के घर जाने दे
Kamal h aap to….
Thanks Nisha