muskura-ke-mil-hindi-judai-shayari

मैं तेरा मुंतज़िर हूँ मुस्कुरा के मिल
कब तक तुझे तलाश करूँ अब आ के मिल
यूं मिल के फिर जुदाई का लम्हा न आ सके
जो दरमियाँ में है सभी कुछ मिटा के मिल

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