2 लाईनो में लिखी शायरी (Short Shayari) पढें। प्यार, महोब्बत और दर्द से भरी शायरी। अच्छा लगे तो कमेंट में जरूर लिखे
कद बढ़ा नहीं करते ऐड़ियां उठाने से,
नियामतें तो मिलती हैं सर झुकाने से..
मैले हो जाते हैं रिश्ते भी, लिबासों की तरह…
कभी-कभी इनको भी, मोहब्बत से धोया कीजिए.
अरसे बीत गए हुस्न की तारीफें लिखते-लिखते..
दो लफ्ज़ कोई कभी…मेरे सब्र पर ही कह दे..
आज फिर दर्द की दास्तां ओढ़ कर खो गये..!!
अंदाज भी , आवाज़ भी , अल्फाज़ भी मेरे..!!
बूढ़े फ़क़ीर को मिली दर-दर की ठोकरें ,
सिक्के उसे मिले जो भिखारन जवान थी
उन आँखों की दो बूंदों से समन्दर भी हारे होंगे,
जब मेहँदी वाले हाथो ने मंगलसूत्र उतारे होंगे…!!
वक़्त नहीं, भूख बताती है कब खाना है
गरीबों के घर डिनर, ब्रेकफास्ट के रिवाज़ नहीं होते
महफिल भले ही प्यार करने वालो की हो..
उसमे “रौनक” तो “दिल टूटा हुआ शायर” ही लाता है ….!!
कुछ तो उम्मीद बंधे उनसे मुहोब्बत की…
काश दुश्मन ही समझकर वो याद कर लें हमें…
कुछ लोग है जिनकी दुवाओ में मेरा नाम है,
काफी दुश्मन तो मेरे इसी बात से परेशान है ।
हम ढूंढते थे जिनको ख़्वाबों ख्यालों में …!!
वो मिल न सके मुझको सुबह के उजालों में …!!
उजड़े हुए घर का मैं वो दरवाज़ा हूँ,
दीमक की तरह खा गयी जिसे तेरी दस्तक की तमन्ना
ज़ुबां से दिन भर नाम दौहराना माना मुहब्बत ठहरी,
जो महके ना नींद तेरी मेरे ख़ाब से,तो इश्क क्या हुआ
हजारो रिश्तों को तराशा, नतिजा एक ही निकला !!
जरूरत है तो रिश्ते है , नही तो कुछ भी नही !
आँसू जब आँखों से बड़े हो जाते हैं..!
तो उसमें हर चीज डूब जाती है..!!
भटकती हैं ज़िंदगी ख़्वाहिशों के गलियारों में …
अब रुहें भी मर चुकी हैं अपने ही आशीयानों में ..
कुछ लोगो कि ज़बान हि अच्छी होते है साहब …..
किरदार समझ से परे होता है
मोहब्बत से अब कोसो दूर रखना मुझे ऐ खुदा,
यूं बार – बार मौत का सामना करना मेरे बस की बात नही
मुद्दतो बाद हमे भी मिला था__
“थोडा सा इश्क़”
मुफ़्त मे खो दिया दुनिया के डर से
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,
निगरानी में सारा शहर लग गया।
आँखों से शुरू होकर दिल में उतर जातें हैं,
हॉ प्यार वहीं है जिसमें लोग बिगड़ जाते है..
लिखे थे कई अरमान दिल की दिवार पर,
वो जाते जाते दिल के दीवार गिरा कर गये
पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ए दिल,
बिखरे हुए हर पत्ते की भी अपनी अलग कहानी है !!
चाँदनी चाँद करता है चमकना सितारोँ को पडता है,
मोहब्बत आँखे करती है तडपना दिल को पडता है|
बेगुनाह थे हम….
तेरी एक झलक ने गुन्हेगार बना दिया
सिर्फ उससे मिलने के लिए, साहेब !
हमें पूरी महफ़िल से हाथ मिलाना पड़ा…
मार दो एक दफ़ा ही, नशीला सा कुछ खिला के…
क्यूँ जहर दे रहे हो, मोहब्बत में मिला-मिला के…
सुनो यूँ बातें कर के आदतें खराब ना करो,
फिर एक दिन तुम भी चली जाओगी …
सर्दी गर्मी बरसात यह तो कुदरत के हैं नजारे…
प्यासे तो वो भी रहे जाते है जो हैं दरिया किनारे।।
यू तो “इश्क” का कोई “लोकतंत्र” नहीँ होता…
वरना धरना दे दे के तुझे अपना बना लेते …!!