इस नजर ने उस नजर से बात करली,
रहे खामोश मगर फिर भी बात करली,
जब मोहब्बत की फ़िज़ा को खुश पाया,
तो दोनों निगाहों ने रो रो कर बरसात करली।

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Hindi Shayari - हिन्दी शायरी
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