सावन का महीना बडा ही पवित्र माना जाता है। इस महीने से सारे भारत में बारिश के मौसम की शुरूआत हो जाती है। सारे पेड़-पौधे हरे भरे हो जाते है। जीव-जन्तुओं को गर्मी से राहत मिल जाती है। हमारा मन भी इस मौसम में एक नई उमंग से भर जाता है। हर कोई इस मौसम में अपने साथी और चाहने वालों को याद करता है और उनके साथ ही इस मौसम का मजा लेना चाहता है। इस मौसम में इश्क करने वालों को भी अपने-अपने प्यार की याद इस कदर सताती है की उनके दिल में छुपा प्यार और दर्द कविता और शायरी के रूप में बाहर आता है। ऐसी ही कुछ शायरीयाँ हम आप के लिए लाऐ हैं। उमीद है की आप सबको सावन की बरसात पर रोमैंटीक शायरी पसंद आएंगी। (Read and Share best barish and barsat shayari in hindi)
आज बादल काले घने हैं
आज चाँद पे लाखों पहरे हैं
कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के
बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं
बादलों से कह दो,
जरा सोच समझ कर बरसे,
अगर मुझे उनकी याद आ गयी,
तो मुकाबला बराबरी का होगा ।
बरसात की भीगी रातों में
फिर कोई सुहानी याद आई
कुछ अपना ज़माना याद आया
कुछ उनकी जवानी याद आई,
ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए
तो फिर चले जाना
किसी का तुझको छू लेना
मुझे अच्छा नहीं लगता !!
मेरे दिल की जमीन
बरसों से बंजर पडी है
मै तो आज भी
बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ
बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश,
आज पुरी हुई उनकी ख्वाहिश,
भीग लो अपनों को याद कर के,
मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश ।
रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,
बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है.
क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारो
अपने तो हैं मगर अपनापन गायब है
Barish Shayari | Barsat Shayari | Rain Shayari
बादलों को आता देख के मुस्कुरा लिया होगा,
कुछ न कुछ मस्ती में गुनगुना लिया होगा,
ऊपर वाले का शुक्र अदा किया बारिश के
होने से, के इस बहाने तुमने नहा लिया होगा ।
कितना अधूरा लगता है तब,
जब बादल हो पर बारिश ना हो,
जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,
और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो.
काश कोई इस तरह भी
वाकिफ हो मेरी जिंदगी से
कि मैं बारिश में भी रोऊँ
और वो मेरे आँसू पढ़ ले !!
आँख भर आई किसी से
जो मुलाक़ात हुई ख़ुश्क मौसम था
मगर टूट के बरसात हुई !!
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जिसके आने से
मेरे ज़ख्म भरा करते थे
अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को
हरा करते हैं !!
बेईमान मौसम से पूछो
कुछ हरकत कर रहा है
बताता नहीं क्या
ये मेरे हमसफर से डर रहा है !!
बारिश की बूंदों को छातों से रोका न करो
बेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं !!
किया न करो मुझसे,
इश्क़ की बातें
बिन बारिश के ही,
भीग जाती हैं रातें !!
नैनों से अब बारिश होती है मेरी,
पलकों के कोनों से नींद रोती है मेरी।
काश मेरी जिंदगी में
कोई ऐसा आता,
मैं बारिश में भी रोता
तो वो मेरे आंसू पढ़ जाता।
ये हल्की-हल्की शर्द हवाएं,
ये बारिश का मौसम,
मैं तुममें पूरा रहता हूं,
तुम मुझमें क्यों रहती हो कम।
बारिशों में बेवजह भी
भीग जाना चाहिए,
मेरे अजीज़ यारो,
हर मौसम का लुत्फ उठाना चाहिए।
आसमान रो रहा था मेरे साथ,
और उसे बारिश में
नहाने का शौक चढ़ा था।
Popular Barish Shayari | बारिश शायरी (बरसात शायरी)
जो वो बरसा तो ‘इश्क़’ है,
और मैं बरसा तो
बस अश्क होगा।
मौसम चल रहा है
इश्क का साहिब
जरा सम्भल कर के रहियेगा !!
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !!
कह दो बादलों से,
कुछ ‘पानी मेरी आँखों से
उधार ले जाये।
ये बारिश भी बिल्कुल तुम्हारी तरह है,
फर्क सिर्फ इतना है,
तुम मन को भीगा देते हो,
वो पूरे तन को भीगा देती है।
ख्वाहिशें तो थी
तेरे संग बारिश में भीगने की
पर ग़मों के बादल कभी
छाते ही नहीं !!
लगता है आज मौसम खुशनुमा है।
हुई नहीं बारिश फिर भी वो भीग रही है।
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।
न जाने वो शाम कब आएगी,
बारिश, चाय, पकौड़े
मैं और तुम साथ होंगे।
मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हम से
लो अब गिन लो… बारिश की ये बूँदें
बरस रही थी बारिश बाहर
और वो भीग रहा था मुझ में
ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिश हो तो भीग जाया कर।
हो रही है बारिश,
पूरा शहर ये वीरान है,
एक हम ही तो उदास नहीं,
सारा शहर परेशान है।
अगर भीगने का इतना ही शौक है,
बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है,
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है ।
बारिश का मौसम मुझे इसीलिये भाता है,
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है।
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माना है अपना इश्क रुठा अभी,
अधूरी दास्तान भी मुकम्मल होगी कभी।
एक रोज उस इश्क़ की बारिश
हम पर भी होगी कभी।
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी
इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद
करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,
जितना आप समेट पाये उतना आप हमें चाहते है,
और जितना न समेट पाए उतना हम आप को चाहते है…
जकड़े थे तेरे यादों के जंजीर से,
फिर बारिश की पहली बूंद ने हमें
आजादी मुकम्मल कराई।
तेरे इंतजार का मजा ही
कुछ और है
अरे उसके आगे तो तेरे
इस मौसम का
मजा भी कमजोर है !!
मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे
छूने की चाहत मैं ! हथेलियां तो गीली
हो जाती है पर हाथ खाली ही रह जाते है !!
मौसम का कुछ ऐसा खुमार है
मन करता चीख कर कह दू
हमको तुमसे बहुत प्यार है !!
बनके सावन कहीं वो बरसते रहे इक घटा
के लिए हम तरसते रहेआस्तीनों के साये
में पाला जिन्हें, साँप बनकर वही रोज डसते रहे!
आज मौसम कितना खुश गवार हो गया
खत्म सभी का इंतज़ार हो गया
बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया
2 Line Barsat Shayari | 2 Line Barish Shayari
कभी बेपनाह बरस पडी, कभी गुम सी है,
यह बारिश भी कुछ – कुछ तुम सी है।
एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।
हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश की बूँदें,
मगर मेरी आँखों से ये सावन आज भी हार जाता है।
मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज तुम्हारी आती है।
बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलनें की चाहत में भीग जाते हैं
मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए।
अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रहता हूँ बारिश में
बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में