मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हे याद रखता हूँ,मैं बातें भूल भी जाऊं तो लहजे याद रखता हूँ,ज़रा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रवायत से,जो सहारा देते हैं वो कंधे हमेशा याद रखता हूँ...
आज आसमान के तारों ने मुझे पूछ लिया,क्या तुम्हें अब भी इंतज़ार है उसके लौट आने का।मैंने मुस्कुराकर कहा,तुम लौट आने की बात करते हो,मुझे तो अब भी यकीन नहीं उसके जाने...