महाशिवरात्रि पर आपके हर सवाल का जवाब –
- शिवरात्रि पूजा सामग्री
- सावन शिवरात्रि पूजा विधि
- महाशिवरात्रि पूजा विधि
- शिवरात्रि पूजा कब है
- महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए
- शिव पूजा नियम
- महाशिवरात्रि का व्रत क्यों रखा जाता है
महाशिवरात्रि शिव का दिन है| जहाँ भी सत्य है, उदारता है, सौन्दर्य है ; वहाँ निश्चित रूप से ‘शिव’ है| और प्रकृति में कोई भी ऐसा स्थान नहीं, जहाँ शिव न हो|परन्तु शिव कोई व्यक्ति नहीं, अपितु समस्त सत्ता का ‘मूल’ है| शिव तत्व सर्व विद्यमान है| शिव-तत्त्व ही जीवन का ‘सार’ है|
हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष शिवरात्रि का महापर्व 18 फरवरी दिन शनिवार को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती संग हुआ था। महाशिवरात्रि पर जो भी इंसान सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। महाशिवरात्रि का दिन, वास्तविकता में भीतर के “शिव-तत्त्व” की अनुभूति करने का दिन है। महाशिवरात्रि, असीम “शिव ऊर्जा” के भीतर ध्यान में डूबने और अनंत उत्सव मनाने का दिन है| वर्ष भर में, कुछ विशेष दिन समस्त मानव जाति के आध्यात्मिक और मानसिक विकास के लिए अति पवित्र माने जाते हैं| महाशिवरात्रि उन सभी शुभ अवसरों में विशेष है|
महाशिवरात्रि का त्योहार प्रारंभ होने का समय – 18 फरवरी को रात 8 बजकर 03 मिनट पर होगा। इसलिए ये त्योहार 18 फरवरी को ही मनाया जाएगा.
महाशिवरात्रि पर कैसे करे महादेव की पूजा –
दिनभर शिव मंत्र (ऊं नम: शिवाय) का जाप करें और पूरा दिन निराहार रहें। शिवपुराण में रात्रि के चारों प्रहर में शिव पूजा का विधान है। शाम को स्नान करके किसी शिव मंदिर में जाकर अथवा घर पर ही पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके त्रिपुंड एवं रुद्राक्ष धारण करके पूजा का संकल्प इस प्रकार लें-
ममाखिलपापक्षयपूर्वकसलाभीष्टसिद्धये शिवप्रीत्यर्थं च शिवपूजनमहं करिष्ये
व्रत रखने वाले को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से रात के चारों प्रहर में शिवजी की पूजा करनी चाहिए साथ ही भोग भी लगाना चाहिए।
दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें।
चारों प्रहर की पूजा में शिवपंचाक्षर मंत्र यानी ऊं नम: शिवाय का जाप करें।
भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से फूल अर्पित कर भगवान शिव की आरती और परिक्रमा करें।
महाशिवरात्रि पर कैसे करे महादेव की पूजा
गरुण पुराण की मान्यता के अनुसार शिवरात्रि से एक दिन पूर्व त्रियोदशी तिथि में भगवान् शिव की पूजा करनी चाहिए। और व्रत का संकल्प भी लेना चाहिए।
इसके पश्च्यात चतुर्दशी की तिथि को निराहार रहकर व्रत करना चाहिए। भगवान् शिव को गंगा जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए। और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप भी करना चाहिए। इसके बाद रात्रि में चारो प्रहर शिव जी की पूजा -अर्चना करनी चाहिए। इस के बाद में अगले दिन ब्राह्मणो को प्रफुलित मन्न से इच्छा अनुसार दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।
गरुण पूर्ण की मान्यता के अनुसार इस दिन बिल्व पत्र के साथ सफ़ेद आकड़े के फूल भी चढ़ाना चाहिए। क्योकि भगवान् शिव को बिल्व पत्र और सफ़ेद आंकड़े के फूल बेहद पसंद है।
इस पवित्र दिन में महामृतुन्जय के मंत्र का जाप भी करना चाहिए। ऐसा करने से रोग-शोक में रहत मिलती है। कोई भी व्रत जब पूर्ण श्रद्धा से किया जाता है तभी उसका फल प्राप्त होता है।
भगवान् शिव की उपासना और व्रत करने से बहुत ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त में शिवलिंग के प्राणप्रतिष्ठा कराना या स्थापित करवाने से व्यापर में और नौकरी में तरक्की भी मिलती है।
शिवरात्रि के प्रदोष काल में स्फटिक के शिवलिंग को गंगाजल और पंचामृत स्नानं करवाकर धुप-दीप प्रज्ज्वलित कर के मंत्रो का जप करने से जीवन की सभी कठिनाइयां नष्ट है। जटिल बीमारी से परेशान हो या प्राणो की रक्षा करने केलिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। परन्तु ध्यान रहें की मंत्रो का जप केवल रुद्राक्ष की माला से ही करें।
महामृत्युंजय का मंत्र छोटा दिखाई देता है परन्तु इसके प्रभाव बहुत चमत्कारी और प्रभावशाली होते है।
महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए भगवान् शिव की दूध की धरा से उनका अभिषेक करती है। और साथ ही मंत्रो का उच्चारण भी करती है।
महिलाएं मासिक धर्म के दौरान भगवान् शिव का अभिषेक नहीं करती है। इसीलिए महिलाएं इस बात का खास तौर पर ध्यान रखें।
लक्ष्मी माँ अपने श्री स्वरुप से केवल भगवान् शिव की कृपया से ही जीवन में प्रकट हो सकती है।
भगवान् शिव हम सभी के आराध्य देव भी है हमे अपने आरोग्य जीवन जीने के लिए इनकी आराधना जरूर करनी चाहिए।
Mahashivratri Wishes in Hindi – महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 2023
उसी के साथ आऊंगी केदारनाथ महादेव
जिसके लिए सोलह सोमवार कर बैठी हूं..!!
हमको भी मिलेगा वह वक्त नसीब से
हम भी देखेंगे भोलेनाथ को करीब से..!!
लाख भटक लो मोह माया के जाल में
शिव के पास ही जाना है अंतिम काल में..!!
तू ही दुनिया मेरी तू ही है सारा संसार
साथ तेरा चाहिए हमेशा ऐ मेरे पालनहार..!!