Hindi Muskaan Shayari – Muskurahat Shayari in Hindi
मुस्कुराहट, मुस्कान, स्माइल हिन्दी शायरी
लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
फिर ‘तेरी मुस्कराहट’ पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है…!!!
धड़कने लगे दिल के तारों की दुनियाँ जो तुम मुस्कुरा दो
संवर जाये हम बेकरारों की दुनियाँ जो तुम मुस्कुरा दो – साहिर लुधियानवी
जो तुम मुस्कुरा दो बहारें हँसे, सितारों की उजली कतारें हँसे
जो तुम मुस्कुरा दो नज़ारें हँसे, जवां धड़कनों के इशारे हँसे
वजह पूछ मत तू मेरे रोने कि
तेरी मुस्कराहट पे ख़ुशी के दो आंसू गिर गए….
वही तो सब से ज़ियादा है नुक्ता-चीं मेरा,
जो मुस्कुरा के हमेशा गले लगाए मुझे !!
गुमाँ न क्यूँकि करूँ तुझ पे दिल चुराने का,
झुका के आँख सबब क्या है मुस्कुराने का !!
ऐ फ़िक्र….. इतना न इतरा अपने होने पर,
मेरी मुस्कराहट ही काफी है तेरा वजूद मिटाने के लिए.
जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की,
उस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख !!
तेरी आँखों का वोड़का…
तेरी मुस्कराहट का चखना..
मेरे दिल की राख़ क़ुरेद मत,इसे मुस्कुरा के हवा न दे
ये चराग़ फिर भी चराग़ है,कहीं तेरा हाँथ जला न दे
दिल की तरफ़ हिजाब-ए-तकल्लुफ़ उठा के देख,
आईना देख और ज़रा मुस्कुरा के देख !!
मुस्कराहट भी मुस्कराती है ……
जब वो आपके होंठो से होकर आती है…..
वो सुब्ह-ए-ईद का मंज़र तिरे तसव्वुर में,
वो दिल में आ के अदा तेरे मुस्कुराने की !!
मुस्कराहट यूँ मेरे दिल के जख्मों को छुपा लेती है,
माँ जैंसे अपने बच्चों के ऐबों को सबसे छुपा लेती है…
क्या मुस्तक़िल इलाज किया दिल के दर्द का
वो मुस्कुरा दिए मुझे बीमार देख कर !!
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही,
तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है…
मैं इक फकीर के होंठों की मुस्कुराहट हूँ
किसी से भी मेरी कीमत अदा नहीं होती
एक ऐसा भी वक़्त होता है,
जब मुस्कराहट भी आह होती है..!!
क़ुर्बान हो जाऊं मुस्कराहट पे तुम्हारे,
या इसे देखकर जीने का एक बहाना ढूंढ लूं…
फ़ज़ा-ए-नम में सदाओं का शोर हो जाए,
वो मुस्कुरा दे ज़रा सा तो भोर हो जाए !!
मैं अपने मुस्कराहट की आड़ में अपनी बेचैनी छुपा लेता हूँ,
मुस्कुराहटें सबके साथ बाँटी जा सकती हैं, बेचैनी नहीं…
न जाने कह गए क्या आप मुस्कुराने में,
है दिल को नाज़ कि जान आ गई फ़साने में !!
मेरी मुस्कराहट का सबब बस इतना है दोस्तों..
हालातों का मारा हूँ..पर हालातों से कभी हारा नहीं हूँ..
मस्त नज़रों से देख लेना था,गर तमन्ना थी आज़माने की
हम तो बेहोश यूँ भी हो जाते,क्या ज़रूरत थी मुस्कुराने की!!
सीख ली जिसने अदा गम में मुस्कुराने की,
उसे क्या मिटायेंगी गर्दिशे जमाने की !!
हमारी बिगड़ी ये शायद यू ही संवर जाए,
तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा मुस्कुराने में !!
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद.!!
हौसलों का सबूत देना था
ठोकरें खा के मुस्कुराना पड़ा.!!
फ़स्ले-गुल के आने से,या खिज़ां के जाने से
काश मुस्कुरा सकते हम किसी बहाने से.!!
कितना कोशिश करते हैं ..
तुम्हे छिपा कर रखने की सबसे…..
लेकिन हमारी मुस्कराहट में.
लोग तुम्हे ढूंढ ही लेते है हमेशा……!!
उदास छोड़ गया वो हर एक मौसम को
गुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से..!!
मैं अक्सर तन्हा रहता हूँ, भीड़ में।
फिर तुम्हारी याद आती है, और मुस्कराहट साथ हो जाती है।
ग़मो की धूप में भी मुस्कुरा कर चलना पड़ता है
ये दुनिया है यहाँ चेहरा सजा कर चलना पड़ता है
एक बार देख तो लेते आँखों की उदासियाँ,
मेरी मुस्कराहट से तुम क्यूँ फरेब खा गए..
तुम भले हि मुस्कुराओ सांथ बच्चों के मगर
बच्चों जैसा मुस्कुराना दोस्तों, आंसा नही..!!
कभी कभी तेरा बेवज़ह मुस्कुराना अच्छा लगता है ….
मुझ पर आँखों ही आँखों से तेरा हक़ जताना अच्छा लगता है !!
बहुत खूबसूरत है तुम्हारी मुस्कराहट,
पर तुम मुस्कुराते कम हो,
सोचता हूँ देखता ही रहूँ तुम्हे,
पर तुम नज़र आते ही कम हो!
मुझे दर्द-ए-इश्क़ का मज़ा मालूम है, दर्द-ए-इंतेहा भी मालूम है।
ज़िन्दगी भर मुस्कुराने की दुआ न देना, मुझे पल भर मुस्कुराने की सजा मालूम है।
तेरी मुस्कराहट मेरी पहचान है
तेरी खुशी ही मेरी जान है
कुछ भी कीमत नहीं मेरी ज़िन्दगी में
तेरा दोस्त होना ही मेरी शान है.
किसी के चेहरे की मुस्कराहट की वजह तो बनो
ख़ुशी ही नही सुकून भी मिलेगा।।
न जाने कैसी “नज़र” लगी है “ज़माने” की… . .
कमब्खत “वजह” ही नही मिलती “मुस्कुराने” की…..!!!
मुस्कराहट यूँ मेरे दिल के जख्मों को छुपा लेती है
माँ जैंसे अपने बच्चों के ऐबों को सबसे छुपा लेती है
जिसकी किस्मत मे लिखा हो रोना..!!
वो मुस्कुरा भी दे तो आँसू निकल आते है..!!
एक ऐसा भी वक़्त होता है,
जब मुस्कराहट भी आह होती है..!!
लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है..
मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की !!
दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल..
जिंदगी है थोड़ी सी, थोडा मुस्कुरा के चल .
तेरे ना होने से जिन्दगी मे बस इतनी सी कमी है
मै चाहे लाख मुस्कुरा लू पर आंखो में नमी है
वक़्त छीन लेता है बहुत कुछ,
खैर मेरी तो सिर्फ मुस्कराहट थी !!..
यूँ तेरा मुस्कुरा कर मुझे देखना
मानो जैसे सब कुछ कुबूल है तुझे
खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं,
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है।
मेरी यही आदत तुम सब को सदा याद रहेगी,
न शिकवा, न कोई गिला, जब भी मिला, मुस्कुरा के मिला.
मुस्कुराने के अब बहाने नहीं ढूँढने पड़ते,
तुझे याद करते हैं तमन्ना पूरी हो जाती हैं..
राहत भी अपनों से मिलती हे,चाहत भी अपनों से मिलती हे,
अपनों से कभी रूठना नही.क्यूकी,मुस्कुराहट”भी अपनों से मिलती हे
मुस्कुराहट भी कमाल की पहेली है,
जितना बताती है,उससे कहीं जायदा छुपाती है…
अपने दुःख में रोने वाले,मुस्कुराना सीख ले |
ओरों के दुःख में आँसू बहाना सीख ले
“चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं… ऐ जिन्दगी,,,,
तुम हमें ढूंढो… हम तुम्हे ढूंढते हैं …!!!
फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
वो तो अपने दर्द रो-रो के सुनते रहे;
हमारी तन्हाइयों से आँख चुराते रहे;
और हमें बेवफा का नाम मिला क्योंकि
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे
खुद ही मुस्कुरा रहे हो साहिब
पागल हो या मोहब्बत की शुरूआत हुई है!!!!
ज़र्फ हो तोह गम भी नियामत हैं खुदा की।
जो सुकूं रोने में हैं,वो मुस्कुराने में कहां।
अपनी मुस्कुराहट को ज़रा काबू में रखिए,
दिल ए नादान इस पर कहीं शहीद ना हो जाए
फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़,
फिर एक ज़रा सी बात पर जीना पड़ा मुझे।
दिल की हसरत जुबा पर आने लगी
आपको देखा तो जिंदगी मुस्कुराने लगी
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
हम इस निगाह-ए-नाज़ को समझे थे नेश्तर
तुमने तो मुस्कुरा के रग-ए-जाँ बना दिया!