खबरों की मंडी

खबरों की मंडी

ज़मीर घोल स्याही में, सियासत की वाह-वाही लिख रहे हैं !! खबरों की मंडी में खबर कम, पत्रकार ज़्यादा बिक रहे हैं...
आह को चाहिए

आह को चाहिए

आह को चाहिये एक उम्र असर होने तक ! कौन जीता है तेरे जुल्फ के असर होने तक !! हमने माना की तगफ्फुल ना करोगे लेकिन ! खाक हो जायेंगे हम तुमको खबर होने तक...
जो लोग दूसरो को

जो लोग दूसरो को

जो लोग दूसरो को अपनी दुआओं में शामिल करते हैं… खुशियाँ सब से पहले उन्हीं के दरवाज़े पे दस्तक देती...
उसकी हसरत

उसकी हसरत

उसकी हसरत को मेरे दिल में लिखने वाले ! काश उसे भी मेरी तकदीर में लिख दिया होता !!
जो तार से निकली

जो तार से निकली

जो तार से निकली है वो धुन सबने सुनी है जो साज पे गुजरी है वो किस दिल को खबर है

Pin It on Pinterest