मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हे याद रखता हूँ,
मैं बातें भूल भी जाऊं तो लहजे याद रखता हूँ,
ज़रा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रवायत से,
जो सहारा देते हैं वो कंधे हमेशा याद रखता हूँ |
मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हे याद रखता हूँ,
मैं बातें भूल भी जाऊं तो लहजे याद रखता हूँ,
ज़रा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रवायत से,
जो सहारा देते हैं वो कंधे हमेशा याद रखता हूँ |