न जाने इस जिद का नतीजा क्या होगा..!!! समझता दिल भी नही…..!!! मै भी नही, और तुम भी नही….!!! Na Jane Es Jidd Ka Natija Kya Hoga.. Samajhta Dil Bhi Nahi… Mai Bhi Nahi.. Aur Tum Bhi...
पदावली – मीराबाई हृदय की गहरी पीड़ा, विरहानुभूति और प्रेम की तन्मयता से भरे हुए मीरा के पद राजस्थानी, ब्रज और गुजराती भाषाओं में मिलते हैं भाग 1भाग 2भाग 3भाग 4भाग 5भाग 6 भाग-1 अच्छे मीठे फल चाख चाख, बेर लाई भीलणी।ऎसी कहा अचारवती, रूप नहीं एक रती।नीचे कुल ओछी...
मीराबाई की रचना को विरहिणी को दुःख जाणै हो ।।टेक।। जा घट बिरहा सोई लखि है, कै कोई हरि जन मानै हो।रोगी अन्तर वैद बसत है, वैद ही ओखद जाणै हो। विरह करद उरि अन्दर माँहि, हरि बिन सब सुख कानै हो। दुग्धा आरत फिरै दुखारि, सुरत बसी सुत मानै हो। चातग स्वाँति बूंद मन माँहि,...
जन्माष्टमी पर अपने दोस्तों को भेजें ये शुभकामनाऐं संदेश। मुझे उम्मीद है की आप सबको से संदेश बहुद पसंद आऐेगे। कृपा करके अपने विचार जरूर बताईऐ की आपको ये कैसे लगे। कृष्णा का नाम लो सहारा मिलेगा,ये जीवन आपको न दोबारा मिलेगा।हैप्पी जन्माष्टमी मेरे सब दोस्तों के लिए।।...