दिल की हसरत

दिल की हसरत

दिल की हसरत मेरी जुबान पे आने लगी, तूने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी, ये इश्क़ की इन्तहा थी या दीवानगी मेरी, हर सूरत में सूरत तेरी नजर आने...
एक ग़ज़ल तेरे लिए

एक ग़ज़ल तेरे लिए

एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा,बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा,टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने,अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर...

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