बिछड़ने की शायरी हिंदी में / जुदाई शायरी का संग्रह हिन्दी में पढें बिछडनें और जुदाई शब्द पर शायरी पढें ये किस मोड़ पर तुम्हे बिछड़ने की सूझी,मुद्दतों के बाद तो संवरने लगे थे हम…हालात का तक़ाज़ा था , एक बार मिल के हमबिछड़े कुछ इस अदा से , के दोबारा मिल न सकेंउनकी...