ज़िन्दगी में सुबह की ताजी हवा और फूलों की महक रहे,सूरज की पहली किरण और चिड़ियो की चहक रहे,जब रोज सुबह आप अपनी आँखें खोलें,तो उन आँखों मे बस खुशियों की झलक...
सुबह-सुबह ये कलियां सब खिल जाती हैं,हमे तो तेरी यादों की गलियां मिल जाती हैं,तुझसे मुलाकात तो हमारी कभी होती नही,लेकिन सूरज की पहली किरण के साथ एक आस तो मिल जाती...
चढ़ा हुआ कलयुग का सूरज कितने और जलाओगे,धरती की रक्षा की खातिर हे कृष्णा! तुम कब आओगे।बुझा दिए अरमा लाखों है कितने और बुझाओगे,फंसे हुए इस कालचक्र में कब तुम हमे बचाओगे।जन्म से ही लग गया कलंक खुशियों का खो गया चमन,काटों भरा हो गया जहां गुल तुम कब खिलाओगे।मर चूका इंसान...